कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों में पिछले सप्ताह के सर्वकालिक उच्च स्तर के बाद सोमवार को कुछ कमजोरी देखने को मिली।
सोमवार को इसने 27,220 रुपये के स्तर पर समर्थन लिया। अगर कीमतों 27,400 रुपये के स्तर को पार करती है तो हमें उम्मीद है कि कीमतों में बढ़ोतरी होगी। कम स्टॉक और कपास की नीलामी के लिए सीसीआई द्वारा कीमतों में बढ़ोतरी से कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ हैं। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने पिछले महीने अपने बिक्री मूल्य में 1,000 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की है। निजी क्षेत्र में कपास के सीमित स्टॉक के कारण घरेलू बाजार में, देश भर के अधिकांश राज्यों में कताई मिलें सीसीआई से बड़ी मात्रा में कपास खरीद रही हैं। नये सीजन की कपास अक्टूबर के महीने में ही आयेगी। वर्तमान में, अनियमित वर्षा वितरण के कारण पिछले वर्ष की तुलना में बुवाई का रकबा लगभग 10 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन पिछले 5 वर्षों (98 लाख हेक्टेयर) के औसत से अधिक है। कपास का क्षेत्र गुजरात में अधिक है लेकिन अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में कम है।
ग्वारसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों में सोमवार को तेजी दर्ज की गयी और फीड सेक्टर से माँग बढ़ने और किसानों के पास स्टॉक कम होने से इसके 4,700 रुपये से ऊपर जाने की उम्मीद है। पशुओं के चारे के लिए इसके डेरिवेटिव चुरी और कोरमा के लिए ग्वारसीड की माँग बढ़ रही है क्योंकि अन्य चारा विकल्प की कीमतें अधिक हैं। राजस्थान में 2 अगस्त को ग्वार का रकबा 16 लाख हेक्टेयर था, इसलिए लगभग 60% क्षेत्र में बुवाई पूरी हो गयी है।
चना वायदा (अगस्त) की कीमतें यदि 5,040 रुपये से नीचे टूटती है तो 5,000-4,900 रुपये के स्तर की ओर गिरावट की उम्मीद है। हाजिर बाजारों में कम माँग के कारण चना की कीमतों में 2% की गिरावट हुई है। स्टॉक लिमिट ऑर्डर में बदलाव के बाद स्टॉकिस्ट की ओर से स्थिर माँग हो रही है। इसके अलावा, नेफेड विभिन्न राज्यों में खरीदे गये चना स्टॉक को अधिक कीमतों पर बेचने के के लिए सक्रिय है। (शेयर मंथन, 03 अगस्त 2021)
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