हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में कल लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है कीमतें यदि 7,380 रुपये के स्तर पर टूटती है तो 7,225 रुपये तक नीचे जा सकती है।
कीमतों तो 7,550 रुपये के स्तर पर बाधा है क्योंकि कल निजामाबाद में हल्दी की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट हुई है। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई है जो अच्छी फसल के लिए फायदेमंद होगी। आम तौर पर, हल्दी के निर्यात में जुलाई के बाद कमी देखी जाती है जिससे किसी भी महत्वपूर्ण माँग को सीमित करती है।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतों में कल लगातार तिसरे दिन गिरावट हुई है और अभी भी कीमतों में 13,200 रुपया तक गिरावट हो सकती है। वर्तमान में, कीमतों को 13,200 रुपये पर सहारा और 13,550 रुपये पर अहम रुकावट है त्योहारों के मौसम से पहले अपने स्टॉक को भरने के लिए व्यापारियों की ओर से कुछ माँग हुई है, इसलिए प्रमुख मंडिया-ऊँझा और राजकोट में कीमतें पिछले सप्ताह बढ़ी हुई हैं। गुजरात में जीरा के बेंचमार्क बाजार ऊँझा में, पिछले सप्ताह औसत आवक 8,000-9,000 बैग (1 बैग = 55 किलोग्राम) रही है। एक्सचेंज गुणवत्ता वाला जीरा 13,500 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर बेचा गया है।
थोक कारोबारियों की ओर से कम जोर माँग के कारण धनिया वायदा (अगस्त) पर बिकवाली का दबाव जारी रह सकती है। अब तत्काल बाधा 7,400 रुपये के स्तर पर जबकि सहार 7,080 रुपये के स्तर पर दिख रहा है। उत्पादक क्षेत्रों में बारिश से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण हाजिर बाजार में पिछले सप्ताह कोटा मंडी में धनिया की कीमतों में वृद्धि हुई है। आने वाले हफ्तों में त्योहारों की उम्मीद से माँग बढ़ने की संभावना है। (शेयर मंथन, 11 अगस्त 2021)
Add comment