कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें कल लगातार छठे दिन गिरावट के साथ बंद हुई। निचले स्तर की खरीद और शेष मॉनसून सीजन के लिए कमजोर बारिश के पूर्वानुमान के कारण थोड़ी रिकवरी हुई है।
इसके अलावा, अच्छे मौसम और उच्च फसल रेटिंग के बावजूद अमेरिकी कपास की कीमतों में भी कुछ बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतों के 25,500-26,000 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार की संभावना है। कताई मिलों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) द्वारा सीमित खरीद के कारण पिछले सप्ताह गुजरात के बाजारों में कपास की कीमतें स्थिर रही, जबकि दैनिक आवक में वृद्धि दर्ज की गयी। चूंकि नया सीजन नजदीक आ रहा है, इसलिए स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को उतार रहे हैं।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में कल 6% की उछाल दर्ज की गयी लेकिन कीमतों में 5,850 रुपये के सहारा के साथ 6,400 रुपये के स्तर तक तेजी का रुझान रहने की उम्मीद है। फीड सेक्टर से माँग बढ़ने और किसानों के पास स्टॉक कम होने से बढ़ोतरी की उम्मीद है। पशुओं के चारे के लिए इसके डेरिवेटिव चुरी और कोरमा के लिए ग्वारसीड की माँग बढ़ रही है क्योंकि अन्य चारा विकल्प की कीमतें अधिक हैं। अनियमित और कम बारिश के कारण ग्वारसीड का रकबा सरकार के 24 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य से कम रहने की उम्मीद है।
नयी खरीदारी के कारण अरंडी (सितंबर) वायदा की कीमतें नवम्बर 2018 के बाद पहली बार 6,400 रुपये के स्तर को पार कर गयी हैं। अब यदि गुजरात में पर्याप्त बारिश नहीं होती है तो कीमतों में 6,700 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। जून के महीने में अरंडी के तेल का निर्यात एक महीने की तुलना में बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 81,750 टन पर पहुँच गया है। 2021 के पहले 6 महीने में, भारत पिछले साल के 3 लाख टन की तुलना में 3.6 लाख टन अरंडी के तेल का निर्यात किया है। गुजरात में धीमी बुवाई और उद्योगों से अरंडी के तेल की बेहतर माँग आने वाले दिनों में कीमतों में तेजी ला सकती है। 17 अगस्त तक पूरे भारत में अरंडी का बुवाई क्षेत्र पिछले साल के 3.22 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2.9 लाख हेक्टेयर रह गया है। (शेयर मंथन, 25 अगस्त 2021)
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