नये सीजन के सायोबीन के बाजारों में पहुँचने, खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती और सोयामील के कम निर्यात के कारण सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 1% से अधिक की गिरावट हुई है।
नये सीजन के सोयाबीन का मंडियों में पहुँचना शुरू हो गया है और आवक दबाव बढ़ने से पहले थोक खरीदार आक्रामक खरीदारी को लेकर सतर्क हैं। कीमतों के 5,700-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मौजूदा खरीफ सीजन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2021-22 में भारत का सोयाबीन उत्पादन कम होकर 12.72 मिलियन टन होने का अनुमान है। सोयाबीन की कटाई के मौसम में मानसून की बारिश के जारी रहने के कारण सोयाबीन उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
आरएम सीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 1% की बढ़ोतरी हुई हैं और अब कीमतें 8,650 रुपये के स्तर को पार करती है तो 8,800 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की उम्मीद है। कम स्टॉक और खपत की माँग जारी रहने से वर्तमान समय में कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। बाजार सूत्रों के मुताबिक सरसों का स्टॉक घटकर 30 लाख टन रह गया है। जबकि नये सीजन की आवक में करीब 5-6 महीने बाकी हैं। खाद्य तेल में मिलाजुला रुख रहा। रिफाइंड सोया तेल की कीमतें गिरावट के साथ ,बंद हुई लेकिन सीपीओ की कीमतें उच्च स्तर पर बंद हुई। शुल्क वैल्यू में बढ़ोतरी से कीमतों को मिलेगी। सरकार ने कच्चे पॉम तेल के आयात शुल्क में 101 डॉलर प्रति टन की और कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 100 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी की है। सितम्बर महीने में उत्पादन में कमी के अनुमान से मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है।
सोया तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 1,280-1,315 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,080-1,125 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन 22 सितम्बर 2021)
Add comment