बेमौसम बारिश के कारण आवक में देरी होने की खबरों से सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह 3% से अधिक की वृद्धि हुई है।
लेकिन कीमतों के 5,600 रुपये पर रुकावट के साथ 5,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। जमाखोरी को रोकने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए केंद्र ने तिलहन प्रति खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले वर्ष के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन होने का अनुमान है। वर्तमान में सोयाबीन की कीमतें 3,950 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के एमएसपी से काफी अधिक हैं। हालाँकि सोयाबीन की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है, लेकिन इस साल अनिश्चित मानसून के कारण दिसंबर के आसपास आवक अधिकतम होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल की कीमतों में मजबूती के कारण पिछले सप्ताह के दौरान खाद्य तेल की कीमतों में तेजी के साथ कारोबार हुआ है। त्योहारी माँग और उच्च शुल्क मूल्य के कारण कीमतों में क्रमिक वृद्धि हुई है। कच्चे पॉम तेल और कच्चे सोया तेल दोनों के शुल्क मूल्य में अक्टूबर के महीने में लगभग 100 डॉलर प्रति टन की वृद्धि हुई थी। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और आने वाले महीनों में आपूर्ति में कमी की उम्मीद के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा कारोबार रिकॉर्ड ऊँचाई पर है। मलेशिया पॉम ऑयल एसोसिएशन के अनुसार, मलेशिया में कच्चे पाम तेल का उत्पादन 1-30 सितंबर के दौरान
घटकर 1.68 मिलियन मीटिंक टन हो गया, जो अगस्त के समान अवधि की तुलना में 1.44% कम है। कम आयात शुल्क के बावजूद, इस साल दो बार कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी हैं।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों के 1,328 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 1,300 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,160 पर रुकावट के साथ 1,135-1,170 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 11 अक्टूबर 2021)
Add comment