निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल 2.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। अब कीमतों के 6,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,520 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में अनुमान से कम आवक हो रही है क्योंकि किसान और व्यापारी अधिक कीमतों की उम्मीद में सीमित मात्रा में अपना उत्पाद बेच रहे है या नयी सीजन की फसल को रोक रहे हैं। इसी तरह तेल मिल मालिक और स्टॉकिस्ट भी सोयाबीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर-नवम्बर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 37 लाख टन की तुलना में 29 लाख टन रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। हाल ही में, सरकार ने देश में जीएम सोयमील के अतिरिक्त आयात को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है, क्योंकि यह घरेलू खपत के लिए पर्याप्त उत्पादन करेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी रुझानों और निचले स्तर पर खरीदारी के कारण खाद्य तेल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई।
डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल कॉन्टैंक्ट 0.05% बढ़ा, जबकि इसका पॉम तेल कॉन्टैंक्ट 0.02% फसल गया। सीबोट में सोया तेल की कीमतें कल 2.5% की उछाल के बाद आज 1% बढ़ी। एसईए के आँकड़ों के अनुसार, भारत के वनस्पति तेल का आयात नवंबर में 11% बढ़कर 11.7 लाख टन हो गया। सोया तेल का आयात भी 4.77 लाख टन से अधिक हुआ है। आँकड़ों के अनुसार 1-15 दिसम्बर के बीच मलेशियाई पॉम तेल का निर्यात पिछले महीने की समान अवधि के मुकाबले 9-12.5% के बीच कम हुआ है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतें 1,200 रुपये पर बाधा के साथ 1,165 रुपये तक लुढ़क सकती है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,050-1,088 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2021)
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