हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 2% की गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतें 12 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुँच गयी।
अब कीमतों के 8,640-9,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। नये सीजन की हल्दी की आवक बाजारों में हो रही है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में 3.8% अधिक हैं क्योंकि नये सीजन की हल्दी बाजार में आ रही है और इस सीजन में निर्यात सामान्य है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसम्बर) में, पिछले साल के मुकाबले 20.7% घटकर 1,16,400 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.8% अधिक है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 2% की बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतें 21,100 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 21,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। ऊँझा में पिछले हफ्ते में 11,000 बैग की तुलना में वर्तमान में 18,000 बैग की आवक हो रही है। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 48.2% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा का निर्यात दिसंबर 2021 के 12,385 टन की तुलना में 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात पिछले साल के 2.44 लाख टन की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन हुआ है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल लगभग सपाट बंद हुई। अब कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 10,580-11,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। भौतिक बाजार में कीमतें इस आधार पर स्थिर थी कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। सीजन की फसल से आवक बढ़ने से धनिया की कीमतों पर अल्पावधि में दबाव बने रहने की संभावना है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55.7% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 23.5% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात 15% घटकर 3,590 टन रहा, जबकि दिसंबर 2021 में 4,630 टन हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात की मात्रा पिछले साल के 48,350 टन की तुलना में 15% कम होकर 41,100 टन रही है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 09 मार्च 2022)
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