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कैस्टरसीड में रुकावट, कपास की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी

विश्व बाजार में कपास की कीमतों में तेजी के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 2.8% की बढ़ोतरी हुई है और कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 40,400 रुपये पर पहुँच गयी।

देश से कपड़ा उत्पादों के अधिक निर्यात के कारण घरेलू माँग बढ़ रही है। लगातार माँग और कम आपूर्ति के कारण कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अब कीमतें 39,570 रुपये पर सहारा के साथ 40,750 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 89.7% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 19% बढ़ी है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को फरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर कपास का अंतिम स्टॉक अब पिछले महीने की तुलना में 1.7 मिलियन गांठ कम होकर 82.57 मिलियन गांठ रह सकता है। भारत में कपास का उत्पादन लगातार दूसरे महीने 5,00,000 गांठ घटकर 26.50 मिलियन गांठ रहने का अनुमान है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रहने का अनुमान है जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से देश में कपास उत्पादन को घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है।

ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 1.2% की गिरावट हुई। अब कीमतें 6,100-,6300 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 62% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 रुपये अधिक है। जनवरी में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 5» बढ़कर 22,300 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38.4% बढ़कर 2.64 लाख टन हो गया।

कैस्टरसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल गिरावट के साथ बंद हुई लेकिन उच्च स्तर पर रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। अब कीमतें 7,350 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 7,160 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 52% अधिक है। एसईए के अनुसार, फरवरी 2022 में अरंडीमील का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 40% बढ़कर 32,000 टन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल निर्यात पिछले वर्ष के 3.90 लाख टन से लगभग 5.5% घटकर 3.60 लाख टन रह गया। एसईए ग्लोबल कैस्टरसीड कॉन्फेंस 2022 में 2021-22 में भारत में अरंडी का उत्पादन 17.95 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2020-21 में 17.89 लाख टन था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात पिछले साल के निर्यात 5.06 लाख टन के बराबर है। (शेयर मंथन, 22 मार्च 2022)

 

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