शेयर मंथन में खोजें

जीरे में तेजी, हल्दी और धनिया की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

टेक्निकल बिकवाली के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल गिरावट के साथ बंद हुई।

नए सीजन की हल्दी की आवक बाजारों में हो रही है। अब यदि कीमतें 8,750 रुपये के स्तर से नीचे टूटती है तो 8,570 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। कीमतों को 8,860 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग 2% अधिक हैं। 2021-22 सीजन के लिए सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में हल्दी का उत्पादन 11.76 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 11.24 लाख टन था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14,275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में, निर्यात पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।

जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल सपाट कारोबार हुआ। लेकिन कीमतों में अभी भी तेजी का रुझान है। अब कीमतें 21,590 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 22,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। स्थिर आवक के बीच निर्यात माँग में बढ़ोतरी की संभावना से खरीदारी हुई। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 47% अधिक हैं। बागवानी फसलों के पहले सरकारी अग्रिम अनुमान के अनुसार 2021-22 में जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 7.95 लाख टन उत्पादन हुआ था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 टन था। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था।

बिकवाली के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 0.4% की गिरावट के साथ बंद हुई। लेकिन कीमतों में अभी भी तेजी का रुझान है। अब कीमतें 10,700 रुपये पर सहारा के साथ 10,900 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। हाजिर बाजारों में आवक स्थिर होने के बीच माँग में बढ़ोतरी हुई है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 52% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 22.7% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3590 टन रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 30 मार्च 2022)

 

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"