पिछले सप्ताह में बड़े उतार-चढ़ाव के बाद सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी जहाँ कीमतें कम होने से पहले 5% तक उछल गयी, क्योंकि निवेशकों ने यूक्रेन संकट के नतीजे और रूस के खिलाफ पश्चिम द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधें का पुनर्मूल्यांकन किया।
निकट अवधि में, निवेशक अभी भी यूक्रेन पर आक्रमण और रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधें के प्रभाव के परिणामस्वरूप जोखिमों और लाभों का आंकलन कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कीव में ही रहने की वायदा किया है क्योंकि उनके सैनिक रूसी आक्रमणकारियों से संघर्ष कर रहे है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से एक यूरोपीय राज्य पर सबसे बड़े हमले में राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं। फरवरी सोने के लिए एकदम सही तूफान साबित हुआ है-मुद्रास्फीति, गिरते शेयर बाजारों और भू-राजनीतिक अनिश्चितता ने इसकी सुरक्षित-निवेश के रूप में माँग को बढ़ा दिया है। सोने और अन्य कीमती धातुओं में निवेश करने वाले ईटीएफ में बड़े पैमाने पर निवेश देखा गया है क्योंकि निवेशक रूस और यूक्रेन के बीच बढ़तेन भू-राजनीतिक तनाव के मुकाबले खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं। रिफिनिटिव लिपर के आँकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 7.8 बिलियन डॉलर की निकासी के बाद, इस साल सोना और अन्य कीमती धातुओं के ईटीएफ में 4.7 बिलियन डॉलर का निवेश देखा गया है। एसपीडीआर गोल्ड शेयरों में 3.2 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है जबकि आईशर्स सिल्वर ट्रस्ट और आईशेयर्स गोल्ड टंस्ट प्रत्येक में 400 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। इसके अलावा, रिफाइनिटिव के आँकड़ों के मुताबिक, एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों के पास सोना इस साल 2.1% बढ़कर 69.5 मिलियन औसतन हो गया है।
वॉल स्ट्रीट के मुख्य सूचकांकों में गिरावट हुई क्योंकि यूक्रेन हमले के बाद रूस के खिलाफ कठोर पश्चिमी प्रतिबंधे की संभावना ने निवेशकों को बाजार से दूर कर दिया। इस सप्ताह सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, जहाँ दोनों तरफ की हलचल देखी जा सकती है और कीमतें 49,000-53,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। चांदी में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है और कारोबार 62,500-68,900 रुपये के दायरे में हो सकता है। (शेयर मंथन, 28 फरवरी 2022)
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