कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को लगभग 1% की गिरावट दर्ज की गई, चीन में आयात - निर्यात के आँकड़े जारी किए गये हैं, जिनमें कमजोरी देखी गयी है।
इन आँकड़ों के जारी होने के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की नयी चिंताएं जन्म ले रही हैं और कच्चे तेल की माँग को नुकसान पहुँच रहा है।
दोपहर 12:54 बजे तक ब्रेंट क्रूड वायदा 61 सेंट गिरकर 59.87 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया और इंट्रा डे में 59.27 डॉलर प्रति बैरल का निम्न स्तर भी बनाया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 36 सेंट गिरकर 51.23 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो कि पहले एक सत्र के निचले स्तर तक 50.43 डॉलर प्रति बैरल तक गया।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी के बारे में चीन के आँकड़ों ने ताजा चिंताओं को जन्म दिया है। आधिकारिक आँकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में चीन के निर्यात में दो साल में सबसे ज्यादा गिरावट आई। वायदा ब्रोकरेज ओनाडा के स्टीफन इनेस ने एक रिपोर्ट में बताया कि चीन में कमजोर आर्थिक विकास की संभावनाओं से तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है।
इस डेटा से यह पता चल रहा है कि चीनी और शायद वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापार युद्ध का कितना नकारात्मक प्रभाव है। आउटलुक के बारे में चिंता के बावजूद, इस बात के संकेत कम हैं कि चीनी तेल की माँग अभी तक कमजोर हुयी है। दिसंबर में चीन के कच्चे आयात में एक साल पहले की तुलना में लगभग 30% की वृद्धि हुई है।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह ने सोमवार को कहा कि वह अभी तक वैश्विक मंदी के कारण तेल की माँग को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है, मैं बहुत चिंतित नहीं हूँ। यदि कोई मंदी होती है, तो यह हल्की, उथली और बहुत कम समय के लिए होगी।
दिसंबर के अंत में डेढ़ साल के निचले स्तर पर पहुँचने के बाद हाल ही में कच्चा तेल वायदा में गिरावट आयी है। (शेयर मंथन, 15 जनवरी 2019)