सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 2,830-2,875 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आवक में रोजना गिरावट से मिलों को लगता है कि वे आगामी दिनों में प्रर्याप्त मात्रा में सोयाबीन की खरीदारी नही कर सकते है। इसलिए वे किसान से अधिक कीमतों पर भी सोयबीन की थोक खरीदारी कर रहे हैं इसके अतिरिक्त कारोबारियों को आवक में कमी होने के आशंका है। दूसरी ओर पॉल्ट्री उद्योग की ओर से सोयाबीन की मौजूदा अधिकतम माँग बढ़ रही है, जिससे सोयाबीन की कीमतों को मदद मिल रही है। सोयाबीन की मौजूदा अधिकतम माँग की अवधि जनवरी तक रहेगी, इसलिए मिलें सोयाबीन का प्रर्याप्त स्टॉक कर लेना चाहती हैं। रिफांइड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 725 रुपये तक तेजी बरकरार रह सकती है। ऐसी खबर है कि भारत सरकार इस वर्ष में दूसरी बार खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाने का विचार कर रही है। मंत्रियों के एक समूह ने रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 25.5% से बढ़ा कर 45% और कच्चे खाद्य तेलों पर 15.5% से बढ़कर 35% करने का सुझाव दिया है। सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतों में 575 रुपये तक तेजी रहने की संभावना है। कारोबारियों के अनुसार विक्रेता आरबीडी पॉमोलीन की अधिक कीमतें माँग रहे हैं क्योंकि उम्मीद है कि भारत सरकार खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी करेगी। सरसों वायादा (दिसंबर) की कीमतों में 3,925 के नजदीक सपोर्ट के साथ तेजी बरकरार रहने की संभावना है। आगामी जाड़े के दिनों में सरसों तेल की अधिक माँग की उम्मीद से मिलें सरसों की थोक खरीदारी कर रही हैं और पेराई क्षमता को भी बढ़ा दिया है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2017)