कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों को 3,000 रुपये के दायरे में सहारा और 3,185 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। पिछले कारोबार में तेज गिरावट के बाद अमेरिकी तेल की कीमतो में उछाल और विश्व स्तर पर माँग में कमी की आशंका के कारण आज तेल की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। पिछले कारोबार में 6.22% की गिरावट के बाद आज ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 0.32% की गिरावट के साथ 50.47 डॉलर पर, जबकि डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें 6.7% की गिरावट के बाद आज 0.82% की बढ़त के साथ 42.88 डॉलर पर कारोबार कर रही हैं।
डब्ल्यूटीआई और ब्रेंट दोनों ही कच्चे तेल की कीमतें अक्टूबर में दर्ज चार वर्षो के उच्च स्तर से लगभग 40% से लुढ़क गयी हैं। एमसीएक्स में सउदी अरब, रूस और अमेरिका में अधिक तेल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में 240 रुपये के सहारा स्तर से उछाल दर्ज की जा सकती है। पिछले 30 दिनों में अमेरिकी नेचुरल गैस का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर के नजदीक 87.4 बिलियन क्यूबिक फीट पर पहुँच गया है। मौसम संबंधी अनुमानों से कीमतों को दिशा मिल सकती है। जाड़े के दिनों में गैस की मांग में बढ़ोतरी होती है। (शेयर मंथन, 26 दिसंबर 2018)