कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में गिरावट के बावजूद चीन और अमेरिका के बीच गहराते तनाव के कारण तेल की कीमतों में 1% की गिरावट हुई है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के फिर से गहराने के कारण वैश्विक वृद्धि को लेकर आशंका के कारण तेल की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अमेरिका ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध को सख्त कर दिया है और मध्य-पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों में 4,360 रुपये पर बाधा के साथ 4,270 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। ओपेक और रूस द्वारा इस वर्ष के प्रारंभ से तेल उत्पादन में कटौती और ईरान एवं वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार 3 मई को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 40 लाख बैरल कम हुआ है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में 185 रुपये तक रिकवरी हो सकती है। (शेयर मंथन, 09 मई 2019)
कच्चे तेल की कीमतों में 4,360 रुपये पर बाधा के साथ 4,270 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। ओपेक और रूस द्वारा इस वर्ष के प्रारंभ से तेल उत्पादन में कटौती और ईरान एवं वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार 3 मई को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 40 लाख बैरल कम हुआ है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में 185 रुपये तक रिकवरी हो सकती है। (शेयर मंथन, 09 मई 2019)