
भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार (07 अप्रैल) का दिन ‘ब्लैक मंडे’ साबित हुआ। कोविड 19 के बाद शेयर बाजार में आज इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली। बीएसई और एनएसई के संवेदी सूचकांक क्रमश: सेंसेक्स और निफ्टी जहाँ तकरीबन 5% की गिरावट के साथ खुले, वहीं गिफ्ट निफ्टी आज सुबह की पाली की शुरुआत 900 अंक या 3.6% के नुकसान के साथ की। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा के बाद दुनियाभर के बाजारों खून-खराबे जैसी स्थिति दिखायी दे रही है।
एशियाई बाजार लहुलुहान
आज सुबह एशियाई बाजारों का हाल भी बुरा था। जापान का निक्केई जहाँ लगभग 7% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, वहीं हॉन्ग कॉन्ग के 9% के आसपास की गिरावट के साथ कारोबार करते नजर आये। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी 4.60% की रिकॉर्ड गिरावट थी। इससे पहले शुक्रवार को यूरोपीय और अमेरिकी बाजार भारी नुकसान के साथ बंद हुए थे और आज भी इनमें गैपडाउन शुरुआत की आशंका जतायी जा रही है।
हर तरफ हाहाकार
भारतीय बाजार की बात करें तो दोपहर दो बजे के आसपास व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 सूचकांकों 4 से 5% के नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। निफ्टी 50 में 4.04% की नुकसान नजर आ रहा है, तो सेंसेक्स में 4.31% की गिरावट है। क्षेत्रीय सूचकांकों में बैंक निफ्टी में लगभग 4% की गिरावट है, तो निफ्टी आईटी सूचकांक 4.60% और निफ्टी ऑटो 4.23% टूटकर कारोबार कर रहे हैं।
कुछ ऐसी रही आज सेंसेक्स निफ्टी की चाल
समय सूचकांक स्तर गिरावट (अंक) बदलाव (%)
9.00 71,756.67 3608.02 4.79%
9.00 21,774.75 1,129.70 4.93%
9:18 72,400.79 2963.90 3.93%
09:17 22,060.20 844.25 3.69%
13:00 72,124.58 3240.11 4.30%
13:00 21,861.00 1,043.45 4.56%
14:05 72,594.19 2770.50 3.68%
14:05 22,007.35 897.10 3.92%
शुक्रवार को यूरोप-अमेरिका के बाजार का हाल
इससे पहले शुक्रवार (04 अप्रैल) को अमेरिकी शेयर बाजार में कोविड काल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। सभी संवेदी सूचकांक 5-6% के नुकसान के साथ बंद हुए थे। यूरोपीय बाजारों का भी कमोबेश यही हाल था और इनमें लंदन के एफटीएसई 100, पेरिस के कैक 40 और फ्रैंकफर्ट 30 में 5% से ज्यादा टूटकर बंद हुए थे।
क्या है ब्लैक मंडे
19 अक्टूबर 1987 को अमेरिका के शेयर बाजार डॉव जोंस में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट दर्ज की गयी थी। इस सूचकांक में तब 22.6% गिरावट आयी थी। उस दिन सोमवार था और शेयर बाजार में एक दिन में इतने बड़े नुकसान के को देखते हुए इसे ब्लैक मंडे कहा गया। इस गिरावट का असर सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं था। इसकी धमक यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी देखी गयी। इसे पहला वैश्विक शेयर बाजार संकट भी कहा जाता है। इस घटना ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। इसलिए इसके बाद से सर्किट ब्रेकर जैसे नियम लागू किये गये।
(शेयर मंथन, 07 अप्रैल 2025)
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