कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
लेकिन अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद गहराने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आशंका के कारण तेल की कीमतों पर दबाव है। कल तेल की बेंचमार्क कीमतों में लगभग 3% की गिरावट हुई है। अमेरिका द्वारा चीन के 300 अरब डॉलर के उत्पादन 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाये जाने के बाद पिछले हफ्ते ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में 9% से अधिक की गिरावट हुई है।
कच्चे तेल की कीमतों के 3,860 रुपये पर बाधा के साथ 3,780 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। ईरान द्वारा ब्रिटिश तेल टैंकर को कब्जे में लिये जाने और अमेरिकी ड्रोन पर हमले के बाद मध्य-पूर्व में तनाव गहराता जा रहा है। इस बीच 2 अगस्त को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल की भंडार 34 लाख बैरल कम हुआ है, जबकि अनुमान 28 लाख बैरल की कमी का था।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हो सकती है और कीमतें 151 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 147 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 07 अगस्त 2019)