कच्चे तेल की कीमतें 2,920-3,060 रुपये के कम दायरे में फंसी हुई हैं, लेकिन हमने पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में रिकवरी देखी है।
लेकिन कोविड-19 संक्रमण में वृद्धि ने फिर से आर्थिक विकास और ईंधन की माँग के आउटलुक को कम कर दिया। यूरोप में, कुछ देश कोरोना वायरस मांमलों में वृद्धि के कारण कर्फ्यू और लॉकडाउन को फिर से लागू कर रहे है। ब्रिटेन ने लंदन में कोविड-19 को रोकने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की संभावना से कीमतों में थोड़ी रिकवरी भी दर्ज की गयी है। लेकिन पिछले सत्रा के नुकसान से पूरी तरह से उबरने के लिए संघर्ष किया जब उच्च अमेरिकी गैसोलीन के भंडार में बढ़ोतरी और कोरोना वायरस मामलों के बढ़ोतरी से माँग के कमजोर होने की आशंका से हुये नुकसान की भरपायी करने में असफल रही है। इसबीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन कहा कि रूस यह नही मानता है कि प्रमुख तेल उत्पादकों को वैश्विक आपूर्ति में कटौती पर समझौते में बदलाव करने की आवश्यकता है। उनका यह बयान अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है कि महामारी के कारण माँग में कम को देखते हुये उत्पादन पर अभूतपूर्व अंकुश लगाने के लिए तैयार है। ईआईए के अनुसार 16 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल आपूर्ति औसतन 18.3 मिलियन बैरल प्रति दिन रही है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 13% कम है। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें 2,880-3,200 रुपये के दायरे में काफी अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ बाधा के पास बिक्री का दबाव देखा जा सकता है।
साप्ताहिक भंडारण में अनुमान से कम बढ़ोतरी और लिक्वीफॉयड नेचुरल गैस के निर्यात में वृद्धि जारी रहने के कारण अमेरिका का नेचुरल गैस वायदा 20 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गया है। उत्पादन धीमा रहने और अगले दो सप्ताह में ठंड के मौसम और हीटिंग के लिए अधिक माँग के कारण गैस की कीमतें भी हाल के दिनों में बढ़ी हैं। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 190-240 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 26 अक्टूबर 2020)