वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बाद ईंधन की माँग को लेकर चिंता के बीच अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में लगातार पाँचवें हफ्ते गिरावट के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तेल उपभोक्ता कंपनी चीन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तेल उत्पादन में अधिक कटौती करने की सऊदी अरब के अप्रत्याशित वादे पर बाजारों का ध्यान केंद्रित होने से तेल की कीमतें 11 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं। चीन दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी तेल उपभोक्ता है जिसके उत्तरपूर्वी हेइलोंगजियांग प्रांत में कोरोना का संक्रमण 10 महीने में एक दिन में सबसे अधिक होकर लगभग तिगुना हो गया है जो प्रमुख राष्ट्रीय अवकाश से पहले बढ़ते खतरे की ओर संकेत करता है। ब्रिटेन में पहली बार तेजी से फैलने वाले कोविड के नये वैरिएंट के कारण यूरोपीय सरकारों ने पूरे यूरोप में सख्त और लंबे कोरोना वायरस लॉकडाउन की घोषणा की, क्योंकि टीकाकरण से अगले दो से तीन महीनों में बहुत मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। तेल उत्पादकों को आपूर्ति और माँग के बीच संतुलन को लेकर अभूतपूर्व चुनौती का सामना करना पड़ता है क्योंकि कोविड-19 वैक्सीन की गति और उसकी प्रतिक्रिया सहित कारक से आउटलुक को तय कर सकते हैं। फिर भी, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा 1.9 ट्रिलियन डॉलर के भारी भरकम प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के बाद कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रही। इस हफ्ते में, कच्चे तेल की कीमतें 3,670-4,160 रुपये के दायरे में भारी उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है।
नेचुरल गैस वायदा में सपाट कारोबार हो रहा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार गैस भंडार में अनुमान से अधिक गिरावट के बावजूद नेचुरल गैस की कीमतों में गिरावट हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर मौसम के औसत से अधिक ठंडा रहने की उम्मीद है और संयुक्त राज्य के पूर्वी तट पर औसत से अधिक गर्म की उम्मीद है। इस सप्ताह कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने उम्मीद कर सकते हैं जहाँ कीमतों को 180 रुपये के पास सहारा और 210 रुपये के पास रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 18 जनवरी 2021)