कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,820 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
सऊदी अरब के तेल सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर समन्वित हमले के कारण कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद पहली बार आज ब्रेंट कच्चा तेल वायदा की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुँच गयी, जबकि अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें भी दो साल से अधिक समय के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। ओपेक और उनके सहयोगियों ने अप्रैल में बड़े पैमाने पर उत्पादन कटौती को बनाये रखने का फैसला करने के बाद ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई की कीमतें लगातार चौथे सत्र तक बरकरार हैं। तेजी से बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों के बावजूद, सऊदी अरब के तेल मंत्री ने माँग की बढ़ोतरी पर संदेह जताया है। फिर भी, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे आयातक, भारत में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उच्च कीमतों से कुछ देशों में खपत में कमी आ सकती है। निवेशक आश्चर्यचकित है कि सऊदी अरब ने पिछले दो महीनों में तेल की कीमतों में तेजी के बाद भी अप्रैल तक प्रति दिन 1 मिलियन बैरल की अपनी स्वैच्छिक कटौती बनाये रखने का फैसला किया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेज उठापटक होने की संभावना है और कीमतों को 201 रुपये के स्तर पर बाधा और 194 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 08 मार्च 2021)