कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना हैं जहाँ निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है। कीमतों को 5,730 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,650 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ओपेक प्लस देशों द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर वार्ता को बंद कर दिये जाने के बाद बाजार में आपूर्ति की कमी की आशंका से कल की जोरदार तेजी के बाद आज फिर से तेल की कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई है। लेकिन चिंता यह है कि सदस्य उत्पादन बढ़ाना शुरू कर सकते हैं जिससे बढ़त पर रोक लग सकती है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों, ने पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर प्रतिबंधें को आठ महीने तक विस्तार के प्रस्ताव को खारिज कर दिये जाने के बाद विवाद के बाद तेल उत्पादन वार्ता को बंद कर दिया, जिसका अर्थ है कि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है। इराकी तेल मंत्री एहसान अब्दुल जब्बार ने सोमवार को कहा कि उनका देश ओपेक और उसके सहयोगियों के साथ मौजूदा समझौते के लिए प्रतिबद्ध है और स्थिरता हासिल करने के लिए तेल की कीमतों को मौजूदा स्तर से ऊपर बढ़ते हुए नहीं देखना चाहता। तेल उत्पादक देश निर्माता धीरे-धीरे उत्पादन प्रतिबंधें में ढील दे रहे हैं, लेकिन अगस्त से दिसंबर 2021 तक उत्पादन में लगभग 2 मिलियन बैरल प्रति दिन की वृद्धि करने और 2022 के अंत तक क्रमिक उत्पादन बदलाव की एक श्रृंखला पर समझौते का विस्तार करने की योजना है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 279 रुपये के स्तर पर सहारा और 285 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 06 जुलाई 2021)