कच्चे तेल की कीमतों में तेजी काफी अधिक हो गयी हैं इसलिए उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है। कीमतों को 5,540 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,460 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ओपेक प्लस उत्पादकों के बीच वार्ता रद्द होने के बाद दुनिया के प्रमुख कच्चे तेल निर्यातक बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए उत्पादक देशों के बीच स्पर्ध की आशंका से पिछले सत्र में भारी गिरावट के बाद आज तेल की कीमतें स्थिर रहीं। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों, ने पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर प्रतिबंधें को आठ महीने तक विस्तार के प्रस्ताव को खारिज कर दिये जाने के बाद विवाद के बाद तेल उत्पादन वार्ता को बंद कर दिया, जिसका अर्थ है कि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है। गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों के बीच वार्ता की विफलता ने ओपेक की उत्पादन नीति को धूमिल कर दिया है, लेकिन बैंक ने दोहराया है कि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें अगले साल की शुरुआत में 80 डॉलर प्रति बैरल हो जायेगी।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 271 रुपये के स्तर पर सहारा और 276 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 07 जुलाई)