बेस मेटल के लिए पिछला सप्ताह असाधरण रहा है जिससे दोनों तरफ तेजी के साथ कारोबार हुआ।
सप्ताह के पहले भाग में कीमतों में तेजी दर्ज की गयी क्योंकि बिजली संकट से उत्पादन क्षमता में कमी हो रही है। एलएमई और शंघाई में भंडार दशक के निचले स्तर पर पहुँच गया है जो आपूर्ति में कमी को ही बयान कर रहा है। हड़ताल और अन्य कारणों से भी खनन क्षमता कम हुई है। लेकिन जल्द ही एलएमई के कुछ हस्तक्षेप और चीन द्वारा कोयले प्रति ऊर्जा की कीमतों को कम करने के लिए काम करने के बयान के बाद हुई मुनाफा वसूली के कारण बेस मेटल की कीमतों में तेजी से गिरावट हुई। चीन देश के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग हर दूसरे दिन बिजली की नयी सीमाओं और बिजली की कीमतों और नीतियों में बदलाव की घोषणा कर रहा है। धातुओं का उत्पादन करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है, इसलिए कम बिजली का मतलब कम उत्पादन और आपूर्ति होगी, यहाँ तक कि कुछ कारखानों को शटडाउन के लिए मजबूर होना पड़ेगा, और इससे कीमतों को मदद मिल सकती है। एलएमई गोदामों द्वारा निगरानी किये जाने वाले तांबे का भंडार, जो पहले से निकासी के लिए निर्धारित नहीं किया गया है, 1970 के दशक के बाद से सबसे कम हो गया है। तांबे की कीमतें 740-810 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जहाँ दोनों तरफ की हलचल देखी जा सकती है।
पिछले हफ्ते जिंक की कीमत 26% बढ़कर 14 साल के उच्च स्तर 3,944.00 डॉलर प्रति टन पर पहुँच गयी। जिंक की कीमतें 270-300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि लेड की कीमतें 175-192 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। चीन के आयात में गिरावट और फिलीपींस में प्रतिकूल मौसम के कारण आपूर्ति की चिंता से शंघाई में निकल की कीमतें में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गयी। निकल की कीमतें 1,470-1,590 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
एल्युमीनियम की कीमतें 217-245 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। गहराते ऊर्जा संकट के कारण एल्युमीनियम की कीमत 13 साल के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है, जिससे धातु की आपूर्ति प्रभावित हुई है। (शेयर मंथन, 25 अक्टूबर 2021)