कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कीमतों के 5,600-5,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। तेल की कीमतों में आज 1% की गिरावट हुई है, लेकिन कीमतें 12 वर्षों में अपना सबसे अधिक वार्षिक बढ़त दर्ज करने की ओर अग्रसर है जो कोविड-19 के कारण कीमतों में गिरावट के बाद उत्पादकों द्वारा उत्पादन में कटौती और वैश्विक आर्थिक सुधार के बाद माँग में बढ़ोतरी के कारण कीमतों को मदद मिली है। 2021 के आखिरी दिन, ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 53% की बड़त दर्ज कर चुका है जबकि अमेरिकी कच्चा तेल वायदा की कीमतें 57% की बढ़त की ओर अग्रसर है जो 2009 के बाद से दोनों बेंचमार्क कॉन्टैंक्टों में सबसे मजबूत प्रदर्शन है जब कीमतें 70% से अधिक बढ़ गयी। कोविड-19 के मामले दुनिया भर, ऑस्टेलिया से संयुक्त राज्य अमेरिका तक, में उच्च स्तर पर पहुँच गये है जिसके कारण कई दिनों के लिए बढ़ने के बाद आज तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक चीन ने गुरुवार को 207 नएये पुष्ट कोरोना वायरस मामलों की सूचना दी, लेकिन कोई नयी मौत नहीं हुई। ऑस्ट्रेलिया में एक दिन में 19,000 से अधिक संक्रमणों का एक नया रिकॉर्ड बना है। निवेशक 4 जनवरी को ओपेक प्लस की बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें गठबंधन तय करेगा कि फरवरी में प्रति दिन 4,00,000 बैरल उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी जाये या नहीं। अपनी पिछली बैठक में, ओपेक प्लस ओमाइक्रोन के बावजूद जनवरी के लिए उत्पादन को बढ़ावा देने की अपनी योजना पर अड़ा रहा।
नेचुरल गैस में खरीदारी होने की संभावना है और कीमतों को 275 रुपये के स्तर पर सहारा और 290 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 31 दिसंबर 2021)