कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 6,160-6,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव के कारण तेल की कीमतों में आज तेजी देखी जा रही है और ब्रेंट क्रूड वायदा तीन साल से अधिक समय के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है, क्योंकि निवेशकों को अनुमान है कि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के बीच वैश्विक स्तर पर माँग के साथ प्रमुख उत्पादकों द्वारा संयमित उत्पादन के कारण आपूर्ति कम रहेगी। यमन के हौथी लड़ाकों ने संयुक्त अरब अमीरात- तीसरे सबसे बड़े ओपेक उत्पादक-पर ड्रोन हमले शुरू करने का दावा किया जिससे राजधानी अबू धाबी के बाहरी इलाके में विस्फोट और आग लग गयी, जिसमें तीन लोग मारे गये। आंशिक रूप से लीबिया सहित ओपेक प्लस उत्पादकों में कटौती के कारण इस साल अब तक तेल की कीमतों में 10% से अधिक की वृद्धि हुई है। अंतरष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वैश्विक खपत अपेक्ष से अधिक बढ़ गयी है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी - ओपेक प्लस - 2020 में माँग में गिरावट आने पर लागू किये गये उत्पादन में कटौती में धीरे-धीरे ढील दे रहे हैं। लेकिन कई छोटे उत्पादक आपूर्ति नहीं बढ़ा सकते हैं। पड़ोसी देश यूक्रेन पर रूस के हमले की चिंता, जिससे ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो सकती है, ने भी कीमतों को समर्थन दिया।
यदि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष से रूसी आपूर्ति बाधित होती है, तो यू.एस. सरकार ने यूरोप को नेचुरल गैस की आपूर्ति के लिए आकस्मिक योजनाओं पर कई अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनियों के साथ बातचीत की है। नेचुरल गैस में तेजी रहने की संभावना है और कीमतों को 315 रुपये के स्तर पर सहारा और 326 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 18 जनवरी 2022)