वैभव अग्रवाल
रिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंग
आज जीडीपी (GDP) के जो आँकड़े सामने आये हैं, वे साफ तौर पर विमुद्रीकरण या नोटबंदी (demonetisation) के असर को दर्शाते हैं।
चौथी तिमाही में जीडीपी में केवल 6.1% की वृद्धि हुई है, जबकि बाजार का अनुमान 7.1% विकास दर रहने का था। इस तिमाही में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) में भी बाजार के 6.7% वृद्धि के अनुमान की तुलना में केवल 5.6% वृद्धि हुई है। पूरे वित्त वर्ष के लिए जीवीए वृद्धि दर 6.6% रही है, जिसका संकेत सीएसओ ने पहले 6.7% वृद्धि के अनुमान के रूप में दे दिया था।
इन आँकड़ों को फीका कहा जा सकता है। पर हमारा मानना है कि नोटबंदी के बाद ऐसा होना अपेक्षित था। हम यह उम्मीद नहीं कर रहे हैं कि नोटबंदी का असर वित्त वर्ष 2017-18 में भी जारी रहेगा, क्योंकि बहुत-से क्षेत्रों ने वापस सँभलने के संकेत देने शुरू कर दिये हैं और सामान्य मॉनसून की वजह से कई क्षेत्रों में सकारात्मक रुख बन रहा है। (शेयर मंथन, 31 मई 2017)