बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने प्रिंस पाइप्स (Prince Pipes) के संशोधित आईपीओ (IPO) प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।
सेबी ने 28 दिसंबर 2018 को प्लम्बिंग, सिंचाई और सीवेज कार्यों के लिए पीवीसी पाइप बनाने वाली प्रिंस पाइप्स के संशोधित आईपीओ प्रस्ताव को अंतिम टिप्पणियाँ (Observations) जारी कीं। यानी 2018 में सेबी की ओर से 71 आईपीओ प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। 2017 में बाजार नियामक ने 46 आईपीओ प्रस्तावों को मंजूरी दी थी।
गौरलतब है कि प्रिंस पाइप्स ने पहले सितंबर 2017 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था। सेबी से 3 नवंबर 2017 को कंपनी को आईपीओ के लिए मंजूरी मिल गयी थी। मगर अक्टूबर 2018 में कंपनी ने संशोधित आईपीओ प्रस्ताव दाखिल किया। कंपनी ने आईपीओ का आकार घटा कर दोबारा प्रस्ताव किया था। संशोधित प्रस्ताव में कंपनी के आईपीओ का आकार 600 करोड़ रुपये था, जबकि पहले कंपनी की आईपीओ के जरिये 700 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी। कंपनी आईपीओ में 400 करोड़ रुपये के नये शेयर जारी करेगी, जबकि इसके प्रमोटर चेडा परिवार शेष राशि के शेयर बेचेगा।
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज और इडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज प्रिंस पाइप्स का आईपीओ संभालेंगी। आईपीओ के जरिये जुटायी गयी पूँजी का इस्तेमाल ऋण चुकाने, नयी फैक्ट्री स्थापित करने और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों में किया जायेगा।
प्रिंस पाइप्स की इस समय पाँच फैक्ट्रियां हैं, जो अथल और दादरा (केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली) और हरिद्वार (उत्तराखंड), चेन्नई (तमिलनाडु) और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में स्थित। इन पाँचों संयंत्रों की कुल स्थापित वार्षिक क्षमता 2,42,916 टन है। (शेयर मंथन, 02 जनवरी 2019)
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