राजीव रंजन झा : शुक्रवार को बाजार ने राग बाजारी में लिखे मेरे बाकी सारे अनुमानों को ध्वस्त कर दिया, केवल अंत में लिखे एक-दो वाक्यों की बातें सुन लीं!
मैंने बाजार पलटने के संकेतों की चर्चा की थी, लेकिन सेंसेक्स ने 467 अंक और निफ्टी ने 143 अंक की जोरदार छलांग लगा ली। बेशक अंत में मैंने लिखा था कि “कमजोरी का रुझान खत्म होने के लिए यह जरूरी होगा कि निफ्टी 6077 पार कर ले। वहीं 6100 के ऊपर जाने पर मौजूदा चाल आगे बढ़ने की एक नयी उम्मीद जग सकती है।”
अब जरा एक दिलचस्प बात पर गौर करें कि शुक्रवार को निफ्टी ने शुरुआत ही की 6077 से! आपको दैनिक चार्ट पर दिखेगा कि निफ्टी ने 6071 का निचला स्तर बनाया, लेकिन 1 मिनट या 5 मिनट के चार्ट पर देखेंगे तो पता चलेगा कि कारोबार के सबसे पहले मिनट की कैंडल का खुला स्तर 6077 ही है। इस तरह खुलने के साथ ही बाजार ने बता दिया था कि वह कुछ अलग करने जा रहा है।
मैंने लिखा था कि 6100 के ऊपर जाने पर मौजूदा चाल आगे बढ़ने की नयी उम्मीद जग सकती है। यह चाल शुक्रवार को ही बढ़ कर 6201 तक पहुँच गयी! लेकिन मोटी बात यह है कि बाजार पलटने के जो संकेत थे, वे एक ही दिन की उछाल में तितर-बितर हो गये। लेकिन कहीं यह तेजड़ियों को फँसाने का जाल तो नहीं?
इस समय मुझे लगता है कि बाजार में दोनों तरह की संभावनाएँ बन रही हैं और किसी एक तरफ के संकेतों पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार के लेख में मैंने कमजोरी के जिन संकेतों की चर्चा की थी, पहले उन पर नये सिरे से नजर डालते हैं।
सेंसेक्स के बारे में मैंने लिखा था कि इसके चार्ट पर जनवरी 2013 के शिखर 20,204, मई 2013 के शिखर 20,444 और सितंबर 2013 के शिखर 20,740 को मिलाने वाली रुझान-रेखा (ट्रेंड लाइन) पर बाधा बन रही है। शुक्रवार को सेंसेक्स ने इस बाधा को 20,800 के पास पार कर लिया और इसके ठीक-ठाक ऊपर 20,883 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स का इस रुझान रेखा के ऊपर बंद होना बाजार के लिए सकारात्मक है। लेकिन क्या एक बड़ी बाधा को पार करके एक नयी बड़ी चाल शुरू होने का संकेत है? शायद हमें इस नतीजे पर पहुँचने से पहले यह देखना होगा कि सेंसेक्स इस रुझान रेखा के ऊपर टिक पाता है या नहीं।
इसी तरह की स्थिति निफ्टी के चार्ट पर भी है, हालाँकि वहाँ जनवरी से अब तक के शिखरों को नहीं, बल्कि जुलाई 2013 के शिखर 6093 और सितंबर 2013 के शिखर 6142 को मिलाती रुझान रेखा पार हुई है। अभी मई 2013 का शिखर 6229 पार नहीं हुआ है। लेकिन 6093-6142 को मिलाती रुझान रेखा इस शुक्रवार को 6170 के पास पार हुई और निफ्टी इसके ऊपर ही 6189 पर बंद हुआ। यहाँ भी कहा जा सकता है कि अभी इस रेखा के ऊपर टिकने की पुष्टि होनी बाकी है।
शुक्रवार को मैंने यह भी लिखा था कि “6033 के नीचे जाने पर निफ्टी एक अक्टूबर के निचले स्तर 5701 से लेकर अब तक चढ़ती पट्टी (राइजिंग चैनल) के भी नीचे फिसल जायेगा, जो बाजार की तेज चाल टूटने का साफ संकेत होगा।” लेकिन ऐसी स्थिति आयी ही नहीं और निफ्टी अब भी इस चढ़ती पट्टी के अंदर बरकरार है। उल्टे अब ऐसा लग रहा है कि इसने अपनी चढ़ती पट्टी की निचली रेखा पर सहारा लेकर ऊपरी रेखा की ओर जाने की तैयारी कर ली है।
निफ्टी ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में 5701 से 5950 तक, यानी लगभग ढाई सौ अंक की उछाल दर्ज की थी। अगर निफ्टी ने एक बार फिर वैसी ही चाल दोहराने की तैयारी कर ली है तो बीते गुरुवार के निचले स्तर 6033 से ढाई सौ अंक की बढ़त इसे लगभग 6280 पर ले जा सकती है। निफ्टी की चढ़ती पट्टी अगले 1-2 दिनों में 6280-6300 के आसपास ही रहेगी।
यहाँ एक दिलचस्प पहलू यह है कि निफ्टी के शुक्रवार के बंद स्तर से 6280 तक की दूरी महज लगभग 1.5% है। वहीं सेंसेक्स अगर 20,883 के मौजूदा स्तर से 1.5% बढ़ा तो यह जनवरी 2008 के ऐतिहासिक शिखर 21,207 को छू लेगा!
लेकिन अगर बाजार किसी वजह से पलटने लगा तो 6170 के नीचे जाते ही सावधान हो जाना बेहतर होगा। मैंने ऊपर जिक्र किया कि निफ्टी ने 6093-6142 की रुझान-रेखा को 6170 के पास ही काटा है। इसके नीचे लौटने पर मुनाफावसूली का दबाव बन सकता है। वहीं अगर निफ्टी 6090 के नीचे लौट आया तो पूरी कहानी फिर से बदल सकती है और कमजोरी के तमाम संकेत फिर जाग्रत हो जायेंगे। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन,21अक्टूबर 2013)
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