देश की अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। मौजूदा कारोबारी साल की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि की दर 6.3% रही है।
जुलाई-सितंबर 2017 तिमाही में 'विनिर्माण', 'बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएँ' और 'कारोबार, होटल, परिवहन व संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएँ' जैसे क्षेत्रों ने जुलाई-सितंबर 2016 के मुकाबले 6% से अधिक दर से बढ़ोतरी दर्ज की। हालाँकि इस दौरान ‘खनन और उत्खनन’ क्षेत्र 5.5% की दर से बढ़ा है, जबकि ‘कृषि, वानिकी और मत्स्य’ क्षेत्र में महज 1.7% की दर से वृद्धि हुई है।
मुख्यतः मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में धीमेपन की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि की दर 5.7% रही थी, जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे धीमी दर थी। इससे पहले जनवरी-मार्च 2014 में जीडीपी वृद्धि की दर महज 4.6% रही थी।
अलग जारी किये गये आँकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने में कोर इंडस्ट्रीज (Core Industries) के प्रदर्शन में साल-दर-साल 4.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। अक्टूबर 2017 में इस्पात उत्पादन में 8.4%, रिफाइनरी उत्पादों में 7.5%, कोयला उत्पादन में 3.9%, फर्टिलाइजर्स के उत्पादन में 3%, प्राकृतिक गैस उत्पादन में 2.8% और बिजली उत्पादन में 2.1% की सालाना दर से वृद्धि दर्ज की गयी। दूसरी ओर इसी दौरान कच्चे तेल के उत्पादन में 0.4% और सीमेंट उत्पादन में 2.7% की सालाना दर से गिरावट आयी। (शेयर मंथन, 30 नवंबर 2017)