
आरबीआई (RBI) की ओर से जारी किये गये ताजा आँकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) या सीएडी बढ़ कर 1.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में यह 1.07 लाख करोड़ रुपये था। सीएडी में हुई इस बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण उच्च व्यापार घाटा रहा। आरबीआई की ओर से यह आँकड़े भारत के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स (बीओपी) में डेवलपमेंट को लेकर जारी किये गये गये।
हालाँकि 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी (GDP) के प्रतिशत के रूप में सीएडी 2.4%, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी का 2.5% था।
ताजा आँकड़ों के मुताबिक साल दर साल आधार पर सॉफ्टवेयर और वित्तीय सेवाओं की शुद्ध आमदनी में बढ़ोतरी के सहारे शुद्ध सेवा आय (Net Services Receipts) में 2.1% की वृद्धि दर्ज की गयी। साथ ही विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा भेजे गये धन सहित निजी हस्तांतरण से प्राप्ति अप्रैल-जून में 1.35 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 16.9% अधिक है। इसके अलावा शुद्ध एफडीआई (विदेश प्रत्यक्ष निवेश) 50,994 करोड़ रुपये से बढ़ कर 69,668 करोड़ रुपये का रहा। (शेयर मंथन, 08 सितंबर 2018)