तिमाही दर तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर में गिरावट आयी है।
शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की विकास दर 7.1% रही, जो पिछली तीन तिमाहियों में न्यूनतम है। हालाँकि जीडीपी के सुस्त पड़ जाने के बावजूद भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।
पिछले साल की समान तिमाही में देश की जीडीपी 6.3% और अप्रैल-जून तिमाही में 8.2% रही थी। जानकारों का मानना है कि दूसरी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, कमजोर रुपये और अपेक्षाकृत कमजोर ग्रामीण माँग ने विकास दर को प्रभावित किया। इसके अलावा विनिर्माण, निर्माण और खनन गतिविधियों में गिरावट का भी जीडीपी पर नकारात्मक असर पड़ा।
जुलाई-सितंबर तिमाही में कृषि क्षेत्र में 7.4% की विकास दर रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 7.1% और ठीक पिछली तिमाही में 13.5% रही थी। तिमाही दर तिमाही आधार पर कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.3% से घट कर 3.8%, खनन क्षेत्र में 0.1% के मुकाबले (-)2.4%, विद्युत 7.3% से बढ़ कर 9.2%, निर्माण 8.7% की तुलना में 7.8%, व्यापार, होटल तथा परिवहन 6.7% से बढ़ कर 6.8% और निर्यात विकास दर 12.7% से बढ़ कर 13.4% हो गयी। (शेयर मंथन, 01 दिसंबर 2018)