इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) का अनुमान 7.5% से घटा कर 7.3% कर दिया है।
इंडिया रेटिंग्स ने इसके पीछे कई कारण बताये हैं, जिनमें 2019 के लिए सामान्य से कम मॉनसून का अनुमान, औद्योगिक उत्पादन (विशेष रूप से विनिर्माण और बिजली) वृद्धि में सुस्ती और दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) को संदर्भित मामलों पर धीमी प्रगति शामिल है, जिससे बैंकिंग क्षेत्र की एनपीए (NPA) का समाधान एक लंबी-खींची जाने वाली प्रक्रिया बन गयी है।
इंडिया रेटिंग्स ने सकल स्थायी पूँजी निर्माण (ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन) के रूप में मापे गये निवेश व्यय के लिए भी अपना अनुमान 10.3% से घटा कर 9.2% कर दिया है। इंडिया रेटिंग्स ने मॉनसून पूर्वानुमान सामने आने के बाद कृषि सकल मूल्य वृद्धि के लिए 3% के मुकाबले अब 2.5% अंदाजा लगाया है, जो 2018-19 में 2.7% दर्ज की गयी।
इंडिया रेटिंग्स के अनुसार सकल मूल्य वृद्धि को सेवाओं और उद्योग से सहारा मिलने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी ने 2019-20 में थोक महँगाई के 3.4% और खुदरा महँगाई के 4% रहने का अनुमान लगाया है। (शेयर मंथन, 01 मई 2019)