मूडीज (Moody's) और क्रिसिल (CRISIL) के बाद अब इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने भी भारत की अनुमानित विकास दर में कटौती कर दी है।
फिच समूह (Fitch Group) की कंपनी के नये अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7% रह सकती है, जो पिछले 6 सालों का सबसे निचला स्तर होगा। इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.3% विकास दर रहने का अनुमान लगाया था।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 नरम विकास दर वाला लगातार तीसरा साल होगा, जिसका मुख्य कारण उपभोक्ता माँग में गिरावट और अनियमित मॉनसून है। इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि विनिर्माण विकास दर में गिरावट, समय पर ढंग से मामलों को हल करने के लिए दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 की अक्षमता और व्यापार तनाव बढ़ने के कारण निर्यात कम होने से भी जीडीपी विकास दर प्रभावित होगी। इतना ही नहीं रेटिंग एजेंसी का मानना है कि 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किये गये प्रोत्साहन कदमों से भी विकास दर में तेजी आने की संभावना नहीं है। इनसे केवल मध्यम अवधि में सहारा मिल सकता है।
हालाँकि रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति के सहारे विकास दर के 7.4% रहने की संभावना जतायी है। इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि आरबीआई (RBI) से सरकार को मिलने वाले 1.76 लख करोड़ रुपये से सरकार को वित्तीय घाटा नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 3.3% वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा है।
गौरतलब है कि इंडिया रेटिंग्स से पहले मूडीज ने वर्ष 2019 के लिए पहले के 6.8% विकास दर के अनुमान को घटा कर 6.2% कर दिया है। उससे पहले क्रिसिल ने 2019-20 में देश की विकास दर का अनुमान 7.1% से घटा कर 6.9% कर दिया था। (शेयर मंथन, 29 अगस्त 2019)