विश्व बैंक (World Bank) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) का अनुमान 7.5% से घटा कर 6% कर दिया है।
खबर है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट, जिसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी किया गया है, में लगातार दूसरे वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आने की बात कही गयी है। वित्त वर्ष 2017-18 में 7.2% के मुकाबले 2018-19 में देश की विकास दर घट कर 6.8% रह गयी थी। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में एक विस्तृत व्यापक और गंभीर चक्रीय मंदी का हवाला देते हुए विकास दर के लिए अनुमान घटा दिया है।
हालाँकि आय समर्थित योजनाओं से ग्रामीण माँग में सुधार, कर प्रोत्साहन से निवेश बढ़ने और क्रेडिट ग्रोथ फिर से शुरू होने की उम्मीद से विश्व बैंक ने 2020-21 के लिए 6.9% और 2021-22 में 7.2% विकास दर का अनुमान लगाया है।
बता दें कि विश्व बैंक से पहले एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) या एडीबी ने अप्रैल से अब तक तीन बार चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के लिए अनुमान कम किया है। एडीबी ने सितंबर में अनुमानित विकास दर 7% से घटा कर 6.5% कर दी। इससे पहले एडीबी ने जुलाई में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी विकास दर के लिए अनुमान 7.2% से घटा कर 7% किया था। तब एडीबी ने पहली तिमाही में विकास दर के 6 सालों के निचले स्तर पर फिसल जाने के कारण अपने अनुमान में कटौती की थी। अप्रैल में भी एडीबी ने वैश्विक माँग में कमी और घरेलू मोर्चे पर राजस्व में कमी की संभावना के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की अनुमानित विकास दर को 7.6% से घटा कर 7.2% कर दिया था। (शेयर मंथन, 14 अक्टूबर 2019)