पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी. के. अग्रवाल ने विकास दर के ताजा आँकड़ों पर कहा है कि भले ही जीडीपी वृद्धि दर बीती तिमाही में काफी तीखे ढंग से घट कर 4.5% पर आ गयी है, बीते कुछ महीनों में किये गये कई सुधारों से देश में विकास फिर से तेज होगी।
अग्रवाल ने कहा, "हमें काफी आशा है कि अगली तिमाही में विकास दर बढ़ेगी। कॉर्पोरेट कर में कमी, स्पेक्ट्रम संबंधी बकाये के भुगतान में दो वर्ष की राहत, औद्योगिक संबंध संहिता को मंत्रिमंडल की मंजूरी और अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं के लिए विशेष निधि बनाने के फैसले आने वाली तिमाही में अर्थव्यवस्था में उत्पादन गतिविधियों को बढ़ायेंगे और रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।"
पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष ने कहा, "आगे के लिए, हम सरकार से अपील करते हैं कि वह माँग को तेज करने वाले उपायों पर अधिक ध्यान दे, खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में। किसानों की आय बढ़ाने, ग्राम-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को अधिक सहारा देकर यह किया जा सकता है।"
अग्रवाल ने आरबीआई की नीतिगत रेपो दर में कमी का असर बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहकों तक पहुँचाये जाने को ऋण वृद्धि (क्रेडिट ग्रोथ) और व्यवसायों, खास कर एमएसएमई के लिए व्यापारिक लागत घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए प्रत्यक्ष करों (डायरेक्ट टैक्सेशन) में सुधार लाने की जरूरत है, जिससे उनकी व्यक्तिगत व्यय-योग्य आय बढ़े और बचत-निवेश दरें भी बढ़ें। (शेयर मंथन, 1 दिसंबर 2019)