चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग एक चौथाई घट गया है।
इस तिमाही में आर्थिक विकास दर या जीडीपी वृद्धि दर (GDP growth rate) -23.9% दर्ज की गयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 2020-21 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर के ये आँकड़े जारी किये हैं। इस तिमाही में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) वृद्धि दर -22.8% रही है। उद्योगों ने -38.1%, सेवाओं ने -20.6%, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) ने -39.3%, कृषि ने 3.4% और व्यापार एवं होटल क्षेत्र ने -47% की वृद्धि दर दिखायी है। इस तरह केवल कृषि क्षेत्र में सकारात्मक वृद्धि दर दिखी है, जबकि बाकी सभी क्षेत्रों में गिरावट आयी है।
इससे पहले खबर आयी थी कि आठ मुख्य (कोर) उद्योगों ने जुलाई 2020 में पिछले साल जुलाई की तुलना में 9.6% की गिरावट दर्ज की है। वहीं अप्रैल-जुलाई 2020 के महीनों में इन आठ मुख्य उद्योगों की वृद्धि दर -20.5% रही है। ये आँकड़े पहले से ही संकेत दे रहे थे कि पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर काफी खराब रहने वाली है। अर्थव्यवस्था में इस कमजोरी के चलते सरकारी खजाने का घाटा (फिस्कल डेफिसिट) अप्रैल-जुलाई 2020 के दौरान 8.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया है, जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में यह घाटा 5.47 लाख करोड़ रुपये का था। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2020)