राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय या एनएसओ (NSO) ने दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) वृद्धि का आँकड़ा जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान 8.4% जीडीपी वृद्धि दर्ज की गयी।
जीडीपी का यह आँकड़ा अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के मजबूत संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दूसरी तिमाही के लिए 7.9% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था। ताजा आँकड़ों से खपत और निवेश में सुधार साफ तौर पर दिख रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.4% की गिरावट आयी थी, जिसकी तुलना में 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4% की यह बढ़त दर्ज की गयी। इस दौरान तिमाही सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added) या जीवीए (GVA) बढ़ने की दर साल-दर-साल -7.3% की तुलना में 8.5% पर रही।
दूसरी तिमाही में तिमाही नोमिनल जीडीपी वृद्धि -4.4% से बढ़ कर 17.5% हो गयी, जबकि औद्योगिक (इंडस्ट्रीज) क्षेत्र की वृद्धि -3.0% से बढ़ कर 6.9% रही। सेवा (सर्विस) क्षेत्र की वृद्धि -11.4% की तुलना में 10.2% पर पहुंची। वहीं इस दौरान कृषि (फार्म) क्षेत्र की ग्रोथ 3.0% से सुधर कर 4.5% हो गयी।
इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खनन (माइनिंग) क्षेत्र की वृद्धि -6.5% से बढ़ कर 15.4% दर्ज की गयी। विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) की वृद्धि दर -1.5% से बढ़ कर 5.5% रही। जुलाई-सितंबर महीने के दौरान निर्माण (कंस्ट्रक्शन) क्षेत्र की वृद्धि सालाना आधार पर -7.2% से बढ़ कर 7.5% हो गयी। बड़े स्तर पर टीकाकरण (वैक्सीनेशन) और कम ब्याज दरों की वजह से भी उत्साह (सेंटिमेंट) में सुधार देखने को मिला। जीडीपी बढ़ने की दर 2020-21 की तीसरी तिमाही से अब तक लगातार चार तिमाहियों से सकारात्मक बनी हुई है।
वहीं अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) 5.47 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पूरे साल के लक्ष्य की तुलना में 36.3% है। वित्त वर्ष 2022 के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 6.8% रखा गया है। (शेयर मंथन, 30 नवंबर 2021)