वित्त-वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर महीनों के दौरान भारत की विकास दर या जीडीपी वृद्धि दर घट कर 6.3% पर आ गयी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आँकड़े जारी किये।
हालाँकि यह बाजार विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के अनुमानों से बहुत अलग नहीं है। यदि अप्रैल-जून की पहली तिमाही से तुलना करें तो जीडीपी वृद्धि दर 13.5% से घट कर 6.3% पर आयी है। मगर इसमें पिछले वित्त-वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी में आये उतार-चढ़ाव का असर या आधार प्रभाव (बेस इफेक्ट) शामिल है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस तिमाही में 6.3% की विकास दर का ही अनुमान सामने रखा था।
हालाँकि एक निराशा यह है कि ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) में वृद्धि दर जुलाई-सितंबर 2022 में 5.6% रही है, जो अर्थशास्त्रियों के अनुमानों से कुछ कम है। इस साल अप्रैल-जून में इसमें 12.7% और पिछले वित्त-वर्ष की समान तिमाही में 8.3% की दर से वृद्धि हुई थी। अंकित मूल्य (नॉमिनल वैल्यू) के आधार पर भारत की जीडीपी में बीती तिमाही ने 16.2% की दर से वृद्धि हुई है।
जीवीए वृद्धि दर अनुमानों से कम रहने का एक मुख्य कारण यह रहा कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का जीवीए अप्रैल-जून में 4.8% की वृद्धि दर्ज करने के बाद जुलाई-सितंबर में 4.3% घट गया है। मगर सकारात्मक पहलू यह रहा कि कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर वार्षिक आधार पर 4.6% रही। इससे पिछली तिमाही में भी कृषि क्षेत्र में 4.5% वृद्धि हुई थी। सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन बीती तिमाही में अच्छा रहा, मगर वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं का क्षेत्र पिछली तिमाही से कुछ धीमा पड़ा। (शेयर मंथन, 30 नवंबर 2022)