अंबरीश बालिगा, बाजार विश्लेषक
ऐसा नहीं है कि वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के सामने मौजूद दिक्कतें खत्म हो गयी हैं, लेकिन अब यह आशा जग गयी है कि कंपनी बंद होने नहीं जा रही है।
दो दिन पहले जब इसका भाव करीब ढाई रुपये के सबसे निचले स्तर पर आ गया था, वहाँ इसका भाव बता रहा था कि बाजार इसका अस्तित्व बच पाने के बारे में चिंतित है, शायद कंपनी बच न पाये। उस समय से अब बदलाव यह आया है कि लोग वोडाफोन के बच पाने की संभावना देख रहे हैं। एक तो कारण यह है कि सरकार इस क्षेत्र के लिए कुछ रियायतें देने के बारे में सोच रही है। दूसरी बात यह है कि एक लंबे अरसे के बाद एयरटेल और वोडाफोन दोनों ने अपनी कॉल दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। इसीलिए आज यह शेयर 25-27% ऊपर चल रहा है।
अगर ये कंपनियाँ अपनी मासिक दरों में 30 रुपये की भी बढ़ोतरी करती हैं, तो इस क्षेत्र की तीनों कंपनियों के लिए इसका मतलब 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मासिक आय है। मोबाइल फोन आज लोगों के लिए जिस तरह एक जरूरत बन चुका है, उसे देखते हुए मासिक दरों में 30 रुपये की बढ़ोतरी कोई बहुत ज्यादा नहीं है। कोई ग्राहक 30 रुपये का खर्च बढ़ने के चलते मोबाइल बंद नहीं करेगा या कंपनी नहीं बदल लेगा।
मेरा मानना है कि सरकार केवल दो टेलीकॉम कंपनियों वाली स्थिति की ओर नहीं जा सकती है। अब बीएसएनएल और एमटीएनएल की तो गिनती ही नहीं होती है। इन बातों को देखते हुए ऐसा लगता है कि वोडाफोन का अस्तित्व बचे रहने की संभावना काफी है। यह जरूर है कि कंपनी को पिछली तिमाही में 51,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक-दो तिमाही में ऐसे घाटे से उबरना मुश्किल है। कंपनी को उबरने में कम-से-कम डेढ़-दो साल लगेंगे। फिर भी जहाँ हालत इतनी खराब हो गयी थी कि कंपनी बंद होती दिख रही थी, वहाँ से आज हम देख रहे हैं कि कंपनी बची रहेगी। यही कारण है कि दो दिन में शेयर भाव करीब दोगुना हो गया है। हालाँकि इस समय मैं इस शेयर को रखे रहने की सलाह दूँगा। जब इसका भाव करीब 3 रुपये पर आ गया तो वहाँ मैंने खरीदारी की है। एक आम निवेशक ने शायद इस डर से वहाँ खरीदारी नहीं की होगी कि यह कंपनी तो बंद हो जायेगी। लेकिन अब यह इतने कम समय में वहाँ से करीब दोगुने भाव पर आ गया है, तो एक निवेशक को नयी खरीदारी के लिए थोड़ी गिरावट आने का इंतजार करना चाहिए। गिरावट आ सकती है, क्योंकि भाव दोगुना हो गया है। निचले भावों पर अगर लोग बेच रहे थे तो किसी ने खरीदा भी होगा। वैसे लोग अब बेचने आ जायेंगे। मेरा मानना है कि अगर यह वापस 4.50-5.00 रुपये के आस-पास मिले तो वहाँ खरीदना चाहिए, बशर्ते इसकी कहानी फिर से न बदले।
अगर कल को सरकार कह दे कि कोई पैकेज नहीं दिया जा रहा है और इन कंपनियों को 3 महीने में ही पैसे चुकाने हैं, फिर यह कहानी पलट जायेगी। लेकिन सरकार ने कहा है कि वह किसी कंपनी का बंद हो जाना नहीं चाहती है। दूरसंचार विभाग और टीआरएआई से बातचीत चल रही है, ताकि कोई समाधान निकल सके। इसलिए यह भरोसा करना चाहिए कि इन्हें कुछ-न-कुछ राहत मिलेगी।
अस्वीकरण (Disclaimer): इस शेयर में विश्लेषक का अपना निवेश है।
(शेयर मंथन, 19 नवंबर 2019)
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