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लगातार गोते खा रहे भारतीय शेयर बाजार को लेकर बाजार के जानकार परेशान हैं और खुदरा निवेशक निराश। ऐसे में जिरोधा को को-फाउंडर नितिन कामत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने विचार व्यक्त किये हैं, जिसमें उन्होंने भारतीय शेयर बाजार को सतही करार दिया है।
बाजार पर बोले नितिन कामत
कामत ने लिखा है कि बीते 15 सालों में उन्होंने कभी भी इस तरह की गिरावाट नहीं देखी है। वो ऐसा पहली बार देख रहे हैं। कामत ने एक्स पर लिखा “15 सालों में ये पहली बार है जब इंडस्ट्री में इस तरह की गिरावट देखने को मिल रही है। ये कमी बताती है कि भारतीय बाजार अभी भी बहुत सतही है। उन्होंने लिखा, “भारतीय बाजारों में ट्रेडिंग मुख्य रूप से 1-2 करोड़ लोगों तक सीमित है। यही वजह है कि जब बाजार में गिरावट आती है, तो ट्रेडिंग वॉल्यूम तुरंत सूख जाता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “मुझे नहीं पता कि बाजार यहाँ से कहाँ जाएगा। लेकिन मैं ब्रोकिंग इंडस्ट्री की स्थिति बता सकता हूँ। हम ट्रेडर्स की संख्या और ट्रेडिंग वॉल्यूम, दोनों में भारी गिरावट देख रहे हैं।” आपको बता दें कि बाजार में लगातार जारी इस गिरावट के कारण ब्रोकिंग इंडस्ट्री में ट्रेडिंग वॉल्यूम 30% से ज्यादा गिर चुका है।
एसटीटी संग्रह को लेकर भी चिंता
कामत ने अपने पोस्ट में कहा कि बाजार की इस गिरावट का असर सरकार की कमाई पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंडिंग वॉल्यूम में इसी तरह से गिरावट जारी रही तो वित्त वर्ष 2025-26 में सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) से सरकार को होने वाली आय भी 40,000 करोड़ रुपये तक गिर सकती है।
क्यों बेचैन हैं नितिन कामत?
जिरोधा के सह संस्थापक कामत इसलिए बेचैन हैं क्योंकि गिरता हुआ ये बाजार उनकी कमाई को खा रहा है। खुदरा निवेशक बाजार में निवेश करने से कतरा रहे हैं, कुछ जाँबाज ही डटे हुए हैं। पिछले साल सितंबर से गिरता बाजार कितना टूट चुका है इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाइये कि 2025 में ऑप्शंस ट्रेडिंग का औसत दैनिक कारोबर अपने सर्वकालिक शिखर से करीब आधा होकर 47,897 करोड़ रुपये का रह गया है।
वहीं, इक्विटी ट्रेडिंग का भी औसत दैनिक कारोबार करीब आधा गिरकर 88,408.6 करोड़ रुपये ही रह गया है। 1996 में लॉन्च होने के बाद पहली बार लगातार पाँच महीने से बाजार गिर रहा है। सितंबर 2024 में अपने शीर्ष स्तर से अब तक बाजार में करीब 15% की गिरावट आ चुकी है। वहीं निफ्टी भी अभी तक की अपनी सबसे लंबी गिरावट को देख रहा है। अगर सिर्फ फरवरी की ही बात करें तो सेंसेक्स फरवरी में 5% गिर चुका है। एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूँजीकरण से 40 लाख करोड़ रुपये साफ हो चुके हैं।
(शेयर मंथन, 03 मार्च 2025)
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