वेदांत (Vedanta) और कैर्न इंडिया (Cairn India) के निदेशकों मंडलों ने दोनों कंपनियों के बीच विलयन समझौते को कुछ संशोधित शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।
समझौते के तहत कैर्न इंडिया का विलय वेदांत में होगा। इस विलय समझौते की शुरुआत तब हुई थी जब आयकर विभाग ने कैर्न एनर्जी की कैर्न इंडिया में 9.5% हिस्सेदारी फ्रीज कर दी थी। 2011 में कैर्न एनर्जी ने कैर्न इंडिया की 58.5% हिस्सेदारी वेदांत को 867 करोड़ डॉलर में बेच दी थी। इस समय कैर्न इंडिया में वेदांत की 59.88% हिस्सेदारी है।
अब 14 जून 2015 को घोषित हुए दोनों कंपनियों के बीच के विलय समझौते को कुछ शर्तों में बदलाव के साथ अंतिम रूप और मंजूरी मिल गयी है। संशोधित और अंतिम शर्तों के अनुसार कैर्न इंडिया का प्रत्येक अल्पसंख्यक शेयरधारक वेदांत में हर शेयर के बदले एक इक्विटी और 10 रुपये प्रति अंकित मूल्य वाले चार प्रतिदेय तरजीही शेयर 7.5% की कूपन दर और जारी करने से 18 महीने के कार्यकाल के साथ प्राप्त करेगा। इसके अलावा कैर्न इंडिया के शेयरधारकों को कई अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे जिनमें आकर्षक लेन-देन की शर्तें, वेदांत की विश्व स्तरिय धातु और खनन परिसंपत्तियों तक पहुँच और फ्री फ्लोट और व्यापारिक तरलता बढ़ना शामिल हैं।
इसके साथ ही वेदांत पीएलसी की वेदांत में हिस्सेदारी 62.9% से घट कर 50.1% रह जायेगी। वेदांत पीएलसी की 50.1% हिस्सेदारी के अलावा इसमें कैर्न इंडिया अल्पसंख्यक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 20.2% और वेदांत अल्पसंख्यक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 29.7% होगी। (शेयर मंथन, 23 जुलाई 2016)
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