नये दिवालिया कानून (Insolvency and Bankruptcy Code) या आईबीसी के तहत इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स (Electrosteel Steels) पहली ऐसी कंपनी बन गयी है, जिसका स्वामित्व हस्तांतरण करने को मंजूरी दे दी गयी है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal) या एनसीएलटी की कोलकाता पीठ ने इलेक्ट्रोस्टील के लिए उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांत (Vedanta) की ओर से प्रस्तुत समाधान योजना को स्वीकृति दे दी है। आरबीआई की ओर से तैयार 12 बड़े कर्जदारों की सूची में यह पहला मामला है, जिसके ऋण समाधान का रास्ता अब साफ हो गया है। वेदांत की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि उसके पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को 18.05 अरब रुपये की शेयर पूँजी उपलब्ध कराने के साथ-साथ 35.15 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध करायेगी। इस तरह वेदांत की बोली की कुल राशि 53.20 अरब रुपये की बैठती है। हालाँकि इलेक्ट्रोस्टील पर बकाया ऋणों का कुल दावा 133 अरब रुपये का था।
ऋण समाधान की यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वेदांत के पास इलेक्ट्रोस्टील की चुकता शेयर पूँजी में लगभग 90% हिस्सेदारी हो जायेगी, जबकि बाकी 10% हिस्सेदारी मौजूदा शेयरधारकों और वित्तीय लेनदारों के पास रहेगी।
इस खबर के बाद आज इलेक्ट्रोस्टील स्टील का शेयर भाव 5% के निचले सर्किट पर है और यह 2.85 रुपये के स्तर पर चल रहा है। वहीं वेदांत का शेयर भाव सुबह करीब 11.15 बजे बीएसई में 2.70 रुपये या 0.93% की तेजी के साथ 292.35 रुपये पर है। (शेयर मंथन, 18 अप्रैल 2018)
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