साल दर साल आधार पर वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुनाफे में 17.45% की वृद्धि दर्ज की गयी।
रिलायंस के मुनाफे में बढ़ोतरी पेट्रोकेमिकल्स, डिजिटल, और खुदरा क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से हुई। पिछले कारोबारी साल की जनवरी-मार्च तिमाही में रहे 8,053 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी ने 9,459 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया। वहीं कंपनी की शुद्ध आमदनी 92,889 करोड़ रुपये से 29.34% अधिक 1,20,143 करोड़ रुपये हो गयी। इस दौरान रिलायंस का एबिटा 51% की वृद्धि के साथ 18,469 करोड़ रुपये और एबिटा मार्जिन 220 आधार अंक अधिक 15.4% रहा। गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही परिणाम बाजार जानकारों के अंदाजे के मुताबिक रहे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अन्य कारोबारों में कंपनी की संगठित खुदरा आमदनी 134% की बढ़त के साथ 24,183 करोड़ रुपये रही, जबकि शुद्ध मुनाफा 291% बढ़ कर 951 करोड़ रुपये रहा। ये नतीजे रिलायंस के देश के 730 शहरों में मौजूद 3,837 स्टोरों के संचालनों से हाई ऑपरेटिंग मार्जिंस को दर्शाते हैं। कंपनी के पेट्रोकेमिकल कारोबार में इसका जीआरएम (सकल रिफाइनिंग मार्जिन) उम्मीद से कम 11 डॉलर प्रति बैरल (बीबीएल) रहा, जबकि बेंचमार्क सिंगापुर जीआरएम बेहतर प्रदर्शन के चलते 7 डॉलर प्रति बीबीएल ही रहा।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम इकाई रिलायंस जियो का मुनाफा उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। जियो का मुनाफा तिमाही दर तिमाही दर आधार पर 504 करोड़ रुपये से केवल 1.1% बढ़त के साथ 510 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसकी शुद्ध आमदनी 6,879 करोड़ रुपये के मुकाबले 3.6% अधिक 7,128 करोड़ रुपये रही। जियो की एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी) देखें तो इसके उपभोक्ताओं की संख्या में तिमाही दर तिमाही आधार पर ही 16.6% बढ़ोतरी के बावजूद यह 11% घट कर मासिक 137.1 रुपये रह गयी। हालाँकि जियो की एआरपीयू बाजार की मुख्य कंपनी भारती एयरटेल (116 रुपये) के मुकाबले अब भी काफी बेहतर है।
रिलायंस का वार्षिक शुद्ध लाभ 29,833 करोड़ रुपये से 20.93% अधिक 36,080 करोड़ रुपये और शुद्ध आमदनी 3,30,180 करोड़ रुपये से 23,64% बढ़ कर 4,08,265 करोड़ रुपये रही।
उधर बीएसई में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर शुक्रवार को 19.40 रुपये या 1.99% की मजबूती के साथ 994.75 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं इसके 52 हफ्तों का शिखर 1,010.70 रुपये औऱ निचला स्तर 647.50 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 28 अप्रैल 2018)
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