मालदीव सरकार ने जीएमआर माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (जीएमआईएएल) को 2.5 करोड़ डॉलर के आयकर एवं हर्जाने का नोटिस भेजा है।
जीएमआर समूह की इस कंपनी के पास माले अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का अनुबंध था जिसका करार बीच में ही रद्द कर दिया गया था। इस एवज में कंपनी को एक मध्यस्थ अदालत से 27.1 करोड़ डॉलर का मुआवजा हासिल हुआ था। हालांकि जीएमआर समूह के प्रवक्ता ने ऐसा कोई भी नोटिस मिलने से इन्कार किया है।
मामले की पृष्ठभूमि
28 जून, 2010 को जीएमआईएएल ने मालदीव्स एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (एमएसीएल) और मालदीव के वित्त मंत्रालय के साथ एक अनुबंध किया था जिमसें कंपनी को राजधानी माले स्थित इब्राहिम नासिर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कायाकल्प, विस्तार, आधुनिकीकरण, संचालन एवं रखरखाव का 25 वर्षों तक जिम्मा मिला था। हालांकि दोनों पक्षों ने 27 नवंबर, 2012 को जीएमआईएएल से यह कहते हुए करार रद्द कर दिया था कि मालदीव के कानून के मुताबिक उनके पास ऐसे अनुबंध करने का कोई अधिकार नहीं।
ताजा अटकलों पर जीएमआर के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी मालदीव एटरपोर्ट्स लिमिटेड से इस मामले में जवाब की प्रतीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के अंत में जीएमआईएएल को एक कर नोटिस दिया था तो हमने उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मालदीव में हमारा कोई कारोबारी संचालन नहीं है।
हवाई अड्डों की महारथी
अवसंरचना क्षेत्र से जुड़े जीएमआर समूह को हवाई अड्डों के मामले में महारत हासिल है। दिल्ली और हैदराबाद के अलावा फिलीपींस में भी एक हवाई अड्डे के संचालन का जिम्मा कंपनी के पास है। माले में सैलानियों की अच्छी खासी आवक को देखते हुए उसने मालदीव में भी अपने कदम बढ़ाए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसे वहां से अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा। संप्रग सरकार के दौरान हुई इस कारोबारी उथलपुथल में भी कंपनी को सरकार से कोई खास मदद नहीं मिली थी। आज करीब 1 बजे बीएसई में जीएमआर इन्फ्रा का शेयर 0.15 रुपये या 0.90% की हल्की मजबूती के साथ 16.85 रुपये पर है। (शेयर मंथन, 04 जून 2018)
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