टाटा मोटर्स (Tata Motors) को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,862.57 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
पिछले 9 सालों की किसी भी तिमाही में कंपनी को हुआ यह सर्वाधिक नुकसान है। जानकारों ने कंपनी के लिए 920 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था। इससे पहले 2009 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स 2,599 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी। वहीं 2017 की अप्रैल-जून तिमाही में इसे 3,200 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
टाटा मोटर्स को हुए घाटे का मुख्य कारण इसकी लग्जरी कार इकाई जैगुआर लैंड रोवर के सामने चुनौतियाँ बताया जा रहा है। जैगुआर लैंड रोवर, जो टाटा मोटर्स की आमदनी में 90% का योगदान देती है, यूके में दबाव के कारण 1,886.2 करोड़ रुपये के घाटा में रही। जैगुआर लैंड रोवर की बिक्री भी 5.9% घट कर 1.45 लाख इकाई रह गयी।
हालाँकि टाटा मोटर्स की शुद्ध आमदनी 59,818.2 करोड़ रुपये से 14.7% अधिक 67,081.3 करोड़ रुपये रही। वहीं इसका एबिटा 9% बढ़ कर 5,430 करोड़ रुपये रहा, मगर एबिटा मार्जिन 40 आधार अंक घट कर 8.1% रह गया।
तिमाही के दौरान टाटा मोटर्स पर कर्ज बढ़ा है। पिछली तिमाही में 39,977 करोड़ रुपये के मुकाबले टाटा मोटर्स का शुद्ध ऋण 62,436 करोड़ रुपये और शुद्ध मोटर वाहन ऋण 13,899 करोड़ रुपये से बढ़ कर 32,977 करोड़ रुपये हो गया।
कमजोर नतीजों से टाटा मोटर्स के शेयर में भी गिरावट आयी है। 264.15 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले टाटा मोटर्स का शेयर 248.00 रुपये पर खुला। साढ़े 10 बजे के करीब यह 5.80 रुपये या 2.20% की कमजोरी के साथ 258.25 रुपये पर है। (शेयर मंथ, 01 अगस्त 2018)
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