वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के मुकाबले 2018-19 की समान अवधि में टायर निर्माता कंपनी एमआरएफ (MRF) के मुनाफे में 144.8% की बढ़ोतरी हुई।
कंपनी का शुद्ध लाभ 106.53 करोड़ रुपये से बढ़ कर 260.74 करोड़ रुपये रहा। वहीं एमआरएफ की शुद्ध आमदनी 3,971.76 करोड़ रुपये के मुकाबले 2.92% की गिरावट के साथ 3,855.55 करोड़ रुपये रह गयी। हालाँकि जानकारों ने एमआरएफ के और अधिक लाभ तथा आमदनी की उम्मीद जतायी थी।
गौरतलब है कि भारत की सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनी के लाभ में वृद्धि से इसकी प्रति शेयर आमदनी (ईपीएस) भी बढ़ी। कंपनी की ईपीएस 251.19 रुपये से 144.75% अधिक 614.79 रुपये रही। इसके अलावा एमआरएफ की वित्तीय लागत 62.71 करोड़ रुपये के मुकाबले 63.08 करोड़ रुपये और खपत सामग्री की लागत 2,340.28 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,319.58 करोड़ रुपये की रही।
उधर बेहतर तिमाही नतीजों के बावजूद एमआरएफ का शेयर गिर कर बंद हुआ। बीएसई में एमआरएफ का शेयर 76,825.35 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 77,000.00 रुपये पर खुला और तिमाही नतीजे पेश होने के बाद 75,379.50 रुपये के निचले स्तर तक फिसला। अंत में कंपनी का शेयर 982.40 रुपये या 1.28% की गिरावट के साथ 75,842.95 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 09 अगस्त 2018)
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