इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 487.26 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
वहीं पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में बैंक को 1,222.50 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इसी बीच बैंक की कुल आमदनी 5,610.35 करोड़ रुपये के मुकाबले 4.66% घट कर 5,348.35 करोड़ रुपये और शुद्ध ब्याज आमदनी 20.6% की गिरावट के साथ 1,208 करोड़ रुपये की रह गयी।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने कहा है कि घाटा परिचालन के बजाय बेड डेब्ट और निवेश पर प्रोविजन के कारण हुआ है। वहीं पिछले कारोबार की समान तिमाही के मुकाबले कम हुए घाटे का कारण जानकारों ने प्रोविजन को ही बताया है। बैंक के प्रोविजन साल दर साल आधार पर 2,238 करोड़ रुपये से 9.9% घट कर 2,017 करोड़ रुपये के रह गये। बैंक के एनपीए अनुपात पर नजर डालें तो यह 14.34% रहा, जो कि पिछली तिमाही में 15.10% और 2017 की समान अवधि में 13.86% रहा था।
इसके अलावा साल दर साल आधार पर ही इंडियन ओवरसीज बैंक का प्रोविजन कवरेज अनुपात 55.88% से सुधर कर 61.97%, कुल जमा 2,11,548 करोड़ रुपये से 5.49% की बढ़त के साथ 2,23,169 करोड़ रुपये, सीएएसए अनुपात 36.26% के मुकाबले 36.46% और कुल व्यय 4,572 करोड़ रुपये से 11.55% कम होकर 4,044 करोड़ रुपये के रह गये।
उधर बीएसई में शुक्रवार को इंडियन ओवरसीज बैंक का शेयर 0.91 रुपये या 6.95% की मजबूती के साथ 14.00 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं इसके 52 हफ्तों का शिखर 28.70 रुपये और निचला स्तर 11.05 रुपये का रहा है। (शेयर मंथन, 27 अक्टूबर 2018)
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