वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 की समान अवधि में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के मुनाफे में 40.3% की गिरावट आयी है।
बैंक का शुद्ध लाभ 1,582 करोड़ रुपये से घट कर 945 करोड़ रुपये रह गया। हालाँकि जानकारों ने बैंक के 263 करोड़ रुपये का ही अनुमान लगाया था। उम्मीद से कम प्रोविजन रहने के कारण एसबीआई का मुनाफा अनुमान से अधिक रहा। एसबीआई की शुद्ध ब्याज आमदनी 18,586 करोड़ रुपये से 12.5% की बढ़ोतरी के साथ 20,906 करोड़ रुपये और शुद्ध ब्याज मार्जिन (घरेलू) 2.59% से 29 आधार अंक सुधर कर 2.88% रहा।
बैंक ने एनपीए के मामले में सुधार किया है। तिमाही दर तिमाही आधार पर बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 5.29% से 40 आधार अंक घट कर 4.89% और सकल एनपीए अनुपात 10.69% की तुलना में 74 आधार अंक घट कर 9.95% रह गयी।
साल दर साल आधार पर ही एसबीआई की ऋणों पर ब्याज आमदनी 7.05% बढ़ कर 35,801 करोड़ रुपये रही, मगर गैर-ब्याज आमदनी 41.46% की गिरावट के साथ 16,017 करोड़ रुपये रह गयी। पूरे बैंक की जमा राशि 7.02% की बढ़त के साथ 28.07 लाख करोड़ रुपये, घरेलू सीएएसए अनुपात 39 आधार अंक अधिक 45.27%, घरेलू एडवांसेज 11.11% की बढ़त के साथ 17.8 लाख करोड़ रुपये, खुदरा एडवांसेज 8.91% की बढ़त के साथ 10.3 लाख करोड़ रुपये और कॉर्पोरेट एडवांसेज 14.30% अधिक 7.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गयी।
वहीं बैंक का प्रोविजन कवरेज अनुपात 47.40% के मुकाबले 655 आधार अंक अधिक 53.95% और लागत आमदनी अनुपात 200 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 57.96% रहा।
बीएसई में एसबीआई का शेयर 285.45 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में बढ़त के साथ 286.00 रुपये पर खुला और कारोबार के दौरान 299.90 रुपये के ऊपरी स्तर तक चढ़ा। अंत में यह 9.85 रुपये या 3.45% की मजबूती के साथ 295.30 रुपये पर बंद हुआ। वहीं इसके 52 हफ्तों का शिखर 346.50 रुपये और निचला स्तर 232.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 05 नवंबर 2018)
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