प्रोविजन और एनपीए में बढ़ोतरी के कारण बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) को वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 1,156.25 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है।
इसके मुकाबले पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ऑफ इंडिया 179.07 करोड़ रुपये के मुनाफे में रहा था। बैंक की शुद्ध ब्याज आमदनी 2,908 करोड़ रुपये से 0.7% बढ़ कर 2,927 करोड़ रुपये रही।
गौरतलब है कि तिमाही के दौरान बैंक के प्रोविजन 1,953.3 करोड़ रुपये से 71% की बढ़त के साथ 3,343.2 करोड़ रुपये और शुद्ध एनपीए अनुपात 6.47% से बढ़ कर 7.64% रही। हालाँकि तिमाही आधार पर इसके शुद्ध एनपीए अनुपात में सुधार हुआ है, जो ठीक पिछली तिमाही में 8.45% रहा था। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी 12.23% से घट कर 10.93% रह गया है।
कमजोर नतीजों के कारण बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट आयी है। बीएसई में बैंक का शेयर 87.25 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 85.10 रुपये पर खुल कर 80.35 रुपये के निचले स्तर तक गिरा। सवा 10 बजे के करीब बैंक का शेयर 6.35 रुपये या 7.28% की कमजोरी के साथ 80.90 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2018)
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