आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) को एक और झटका लगा है।
खबरों के अनुसार कतर एयरवेज (Qatar Airways) ने जेट एयरवेज में निवेश करने से इंकार कर दिया है। खबर है कि कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अकबर अल-बाकर ने कहा है कि जेट एयरवेज में "दुश्मन देश" का निवेश है, इसलिए हम उसमें पैसा नहीं लगा सकते।
गौतरलब है कि जेट एयरवेज में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकारी कंपनी इतिहाद एयरवेज की हिस्सेदारी है, जिसके जून 2017 से कतर के साथ संबंध खराब हैं। दरअसल यूएई समेत सऊदी अरब, मिस्र और बहरीन ने करीब डेढ़ साल पहले आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगा कर कतर के साथ संबंध खत्म कर लिये थे।
बता दें कि सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र ने जून 2017 से ही अपनी क्षेत्र सीमा में कतर एयरवेज के जहाजों के संचालन पर रोक लगा रखी है।
इस बीच खबर यह भी आ रही है इतिहाद जेट एयरवेज में और निवेश करने को लेकर तैयार है। मगर मध्य-पूर्व की प्रमुख विमानन कंपनी ने इसके लिए काफी सख्त शर्तें रखी हैं। इन शर्तों में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनके पूरे परिवार का कंपनी प्रबंधन से बाहर निकलना और इसके शेयर के 15 जनवरी के बंद भाव की तुलना में करीब 50% डिस्काउंट पर निवेश शामिल है।
बीएसई में जेट एयरवेज का शेयर 294.40 रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले हल्की गिरावट के साथ 294.00 रुपये पर खुला। अभी तक के सत्र में इसका निचला स्तर 270.00 रुपये रहा है। सवा 12 बजे के आस-पास कंपनी के शेयरों में 20.75 रुपये या 7.05% की गिरावट के साथ 273.65 रुपये पर सौदे हो रहे हैं। वहीं पिछले 52 हफ्तों की अवधि में कंपनी का शेयर 843.00 रुपये के ऊपरी स्तर तक चढ़ा और 163.00 रुपये के निचले भाव तक फिसला है। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2019)
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