संकट से गुजर रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
नयी परेशानी में कंपनी को अपने 7 और विमानों का संचालन रोकना पड़ा है। पट्टा करार के तहत पट्टेदारों को विमानों के किराये का भुगतान न करने के कारण जेट एयरवेज के विमान अब जमीन पर खड़े हैं। इसी वजह से फरवरी महीने में कंपनी के 13 विमान जमीन पर आ गये हैं। जबकि जनवरी को मिल कर यह आँकड़ा 28 विमानों का है।
खबरों के अनुसार जेट एयरवेज को मार्च तक कुल 40 विमानों का संचालन रोकना पड़ सकता है। पहले जेट के बेड़े में 123 विमान थे, जिनके अप्रैल तक एक-तिहाई ही रह जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
खबर है कि जेट एयरवेज ने कुछ विमानों का भुगतान न किये जाने पर पट्टेदारों से नोटिस के बाद और कुछ को स्पेयर पार्ट्स की कमी के कारण संचालन रोका है। साथ ही इसने कुछ विमान पट्टेदारों को लौटा भी दिये हैं।
इससे पहले पिछले हफ्ते ही जेट एयरवेज को बचाने के लिए कंपनी के शेयरधारकों ने एक प्रस्तावित समाधान योजना (Resolution Plan) को हरी झंडी दिखा दी थी। योजना में 11.4 करोड़ नये इक्विटी शेयर जारी करने और डेब्ट को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव शामिल हैं, जिससे कंपनी के प्रमोटर और संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) की जेट एयरवेज में हिस्सेदारी 51% से घट कर करीब 25% और इतिहाद (Etihad) की शेयरधारिता मौजूदा 24% से कम होकर 12% रह जायेगी।
बीएसई में जेट एयरवेज का शेयर 224.85 रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले आज 219.50 रुपये पर खुल कर 211.00 रुपये तक नीचे गिरा है। सवा 11 बजे के करीब कंपनी के शेयरों में 6.90 रुपये या 3.07% की कमजोरी के साथ 217.95 रुपये पर लेन-देन चल रही है। (शेयर मंथन, 28 फरवरी 2019)
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